गतिविधियां जो हम को जोडते और इंसान और लोकतान्त्रिक मानव बनाते चले जाएगी। जल्दी ही शुरू की जायेगी। आप भी कोई गतिविधि का आयोजन कर सकते हैं। हमें लिखें।
लोकतन्त्र के संस्थापक हमारे प्रेरणा स्रोत
लोकतन्त्र को आगे बढ़ाने वाली विभूतियों के जन्म दिन मनाना, उनके विचारों को आम जन तक प्रसारित करना। जयपुर, राजस्थान, भारत और विश्व से सर्वे करके लोकतन्त्र के संस्थापकों और लोकतन्त्र को आगे बढ़ाने वाली विभूतियों का जन्म दिन मनाया जायेगा। इन महान विभूतियों के जीवन और कार्यों पर आधारित फोटो और टैक्स्ट (शब्द) प्रदर्शनियों के साथ साथ संवाद और चर्चाओं का आयोजन किया जायेगा। पूरे विश्व से जनता और मीडिया का ध्यान खींचा जायेगा।
शोध कार्य
जनता की समस्याओं, विकास तथा सरकारी योजनाओं और लोकतन्त्र को मजबूत बना सकने रीति नीतियों पर शोध को बड़े पैमाने पर शुरू किया जावेगा। जैसे समय प्रबंधन, सड़के, गड़ड़े, प्रदूषण, सफाई, दवा, पानी, सिवरेज, बिजली, अवैध निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि।
रेटिंग सिस्टम
गुड बेड अग्ली (अच्छा बुरा बदचाल), वार्ड रेटींग, विधानसभा रेटींग, अफसर, मंत्री और मंत्रालय रेटींग। विकास एरिया वाई रेटींग, सरपंच, पार्षद, जिला परिषद सभी को एक उत्तम स्तर की रेटींग देने का काम शुरू किया जावेगा।
प्रदर्शनियों का आयोजन
लोकतन्त्र को आगे बढ़ाने वाली संविधान सम्मत प्रदर्शनियों का आयोजन।
लोक पोल केम्पियन
सोसियल मीडिया, युट्यूब चैनल आदि पर जनता को जोड़ने और जागरूक कर सकने वाला केम्पियन चलाया जाएगा।
चुनाव प्रबंधन
धन बल भुजबल को कम करने पर शोध करते हुये प्रेक्टिकल कामकाज और एक्शन प्लान की तरफ आगे बढ़ना।
बिचोलीयों से लोकतन्त्र की मुक्ति
आज बिचोलियों की वजह से असली विकास अटका हुआ है। लोकतन्त्र केवल उन तक सीमित है। इन बिचोलियों और प्रभावशाली व्यक्तियों को अलग थलग करने की नीतियों पर शोध किया जावेगा। नए विचार सामने रखे जाएँगे। सोसियल मीडिया पर एक केम्पियन इसके लिये चलाया जाएगा। ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक किए जायेंगे।
परी थिंक
री थिंक विचार को आगे बढ़ाना। हम एक बार ठहरकर सोचे हम जो भी कर रहे हैं उससे कितना नुकसान हो रहा है लाभ हो रहा है।
पदूदू से सिविल लाईन्स
जयपुर शहर से सिविल लाईन्स और ग्रामीण से दूदू पर विशैष रूप से फ़ोकस होकर शोध और कार्य किये जायेंगे। यहाँ दो व्यक्तियों का अलग से लोकतान्त्रिक तरीकों से चुनाव प्रबंधन किया जायेगा। संविधान और कानून के हिसाब से 100%। इन मानको के आधार पर चुनाव तैयारी की जायेगी ताकी पूरे देश के सामने करोड़ों रुपये खर्च करने के मिथक थोड़े जा सकें। काम करके दिखाया जायेगा। जनता को खुशहाल बनाये जाने के तरीकों और शोध को बढ़ावा दिया जावेगा। इसी तरह एक से दो वार्डो को लेकर काम किया जायेगा ताकी एक अनुकरणीय मॉडल और सिस्टम डवलप किया जा सके।
जनता की राय
सोसियल मीडिया पर सभी नगर और विधानसभा क्षेत्रों का फीडबैक लेना। क्या हम लोकतन्त्र की समझ रखते हैं। क्या हमारा सिस्टम लोकतन्त्र के अनुसार चलाया जा रहा है। हम सब को पता चल सके जनता की राय क्या है। कितनी गुस्सा है। कितनी खुश है। इसके लिए फेसबुक पेज बनाये जा रहे हैं। जहां हम सभ लोग संवाद कर सके। एक दूसरे से कनेक्ट हो सके।
ऑनलाईन शिकायत पोर्टल और सेंटर – शिकायत
किसी भी सरकारी विभाग या हमारी टीम के या काम के खिलाफ। केवल जयपुर से संबन्धित हो। हम एक ऐसा सिस्टम डवलप कर रहे हैं जिसके तहत जयपुर का कोई भी नागरिक/बच्चा सरकार से जुड़े किसी भी विभाग को शिकायत करता है तो तत्काल ओटोमेटिक रूप से शिकायत संबन्धित विभाग के अफसर, मंत्री और शिकायत से जुड़े व्यक्ति को एक साथ शिकायत दर्ज हो जाएगी इसकी एक कॉपी मुख्यमंत्री को भी जाएगी। इस शिकायत या पत्र का फोलोअप लोकतन्त्र उत्सव की एक टीम भी अलग से करेगी और जो भी जानकारी प्राप्त होगी उसका लाईव रिकार्ड वेबसाईट पर दर्ज रहेगा। इस सेवा को शुरू करने में वक्त लगेगा। आप इसके लिए आर्थिक सहयोग दे सकते हैं।
तीन अहम पहलू – विकास और सड़क निर्माण, समय प्रबंधन और मेंटीनेस
विकास और सड़क निर्माण – हम नागरिक सहभागिता को बढ़ायेँ जिससे सरकारों की ज़िम्मेदारी और बढ़े। एक छोटा सा उदाहरण हमारी सरकार सड़क बनाती है इसके बाद सिवरेज, जल निकासी, बिजली लाईन डालती है बार बार इससे आर्थिक भार बढ़ जाता है। सड़क टूट जाती है वहाँ मिट्टी ही मिट्टी उडती है। इससे दुपहिया वाहन चालकों को दिक्कत होती है दुर्घटनाएँ बढ़ती है। इस मिट्टी से गाड़ियों पर धूल चढ़ती है। गाड़ियों की धुलाई से जल बरबाद होता है। ये सिस्टम सिस्टेमिक होना चाहिए। ये ही नहीं सड़क ऊपर उठती जाती है मकान, सीवरेज के गड़ड़े नीचे चले जाते हैं फिर इनमें पैदल से लेकर सभी वाहन चालक धड़ाम धु। गाड़ियों को नुकसान होता है। ये सिस्टम बदलना चाहिए।
समय प्रबंधन - कोई भी प्रोक्जेक्ट पर काम तभी शुरू होना चाहिये जिससे इसके बाद बिना रुकावट के पूरा कर लिया जावे। हम जानते हैं 6 महीने के प्रोजेक्ट को 3 साल में पूरा करने से धन खर्च कई गुना बढ़ जाता है। रास्ते जाम हो जाते हैं। आम जन परेशान रहता है। ये करप्शन से भी बढ़ा करप्शन है।
मेंटीनेस - सरकार किसी भी प्रोजेक्ट को बनवा तो देती है जैसे पार्क ही मान लो। अब उसका मेंटीनेंस कौन करेगा। पार्क के झूले टूट जाते हैं। लाईटे खराब हो जाती है। बीजली के तार लटकते रहते हैं। आए दिन हादशे होते रहते हैं। हम नागरिकों को जागरूक होकर काम करना चाहिये। हो सके तो अपने खर्चे से भी इनकी मरमत करवा सकते हैं और सरकार से भी। सरकार को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिये।
पये सभी काम एक साथ शुरू नहीं किए जाकर एक एक शुरू किए जाएँगे। यहाँ अधिकतर कामकाज इसलिए स्पष्ट किए गए हैं ताकी आप प्रबुध जन समझ सके की लोकतन्त्र उत्सव का ढांचा क्या हो सकता है। इसके लिए आपके सुझाव और सहयोग अपेक्षित है। ये हम सब का हम सब की बेहतरी के लिए प्रेक्टिकल काम काज करते हुये मनाया जाने वाला उत्सव है।
कोई रंजिश नहीं कोई दुश्मनी नहीं के फोरमेट पर आगे बढ़ा जाएगा।